Thursday, May 24, 2012

.........कि देश से बीमारी समाप्त हो जायेगी ।



पूरे देश में शोर है कि लोकपाल लाओ, लोकपाल लाओ, किन्तु क्या कोई यह बता सकता है कि ‘क्या लोकपाल’ से देश में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा ?
जहां तक हमारा मानना है , नहीं !
कारण, क्या आज हमारे पास एक भी व्यक्ति ऐसा है जिसको हम सौ प्रतिशत ईमानदार मानते हों । भले ही वह हमारा भाई हो, पिता हो या अन्य कोई करीबी सम्बंधी उसकी ईमानदारी पर भी हम सौ प्रतिशत भरोसा नहीं कर सकते ।
माना लोकपाल आ गया, लागू भी हो गया, क्रियान्वयन हो रहा है, किन्तु लोकपाल का डांचा (बाॅडी) में भ्रष्टाचारी लोग हैं तब तो संभवतः लोकपाल से भ्रष्टाचार में और अधिक इजाफा होगा ।
जहां तक मेरा मानना है , देश में कानून हैं जो भ्रष्टाचार को रोक सकते हैं आवश्यकता मात्र इस बात की है कि इनको सख्ती से लागू किया जाये । विशेषकर सरकारी मशीनरी में आरक्षण के आधार पर नहीं बल्कि योग्यता और कर्मठता के आधार पर लोगों का चयन होना चाहिये ।
उदाहरण - मान लीजिए कि एक व्यक्ति हाई स्कूल से परास्नातक तक 90 प्रतिशत अंक प्राप्त करता है और एक व्यक्ति 60 प्रतिशत । जो व्यक्ति  60 प्रतिशत अंक प्राप्त करता है वह डाक्टर और इंजीनियर बन जाता है और जो 90 प्रतिशत अंक प्राप्त करता है उसको अपनी योग्यता दिखाना का अवसर ही नहीं मिलता । स्पष्ट है कि जो 60 प्रतिशत अंक प्राप्त कर डाक्टर बन गया है वह इलाज भी 60 प्रतिशत स्वास्थ्य लाभ वाला ही करेगा, ऐसे में हम कैसे मान सकते हैं कि देश से बीमारी समाप्त हो जायेगी ।

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