Tuesday, November 23, 2010

क्या खबर, क्या पता , क्या खुशी है, गम है क्या |

क्या खबर, क्या पता , क्या खुशी है, गम है क्या |
ले के अंशू जो खुशी दे , गम के बदले जो हंसी दे ,
राज यह जाना उसी ने जिन्दगी क्या है जिन्दगी |
कल की बातें भूल जा , गुजरी रातें  भूल जा , ख्वाव जो सच हो सके ना उनकी यादें भूल जा .
जो ना हरे बेबसी से ना करे सिकवा किसी  से
राज यह जाना उसी ने जिन्दगी क्या है जिन्दगी |
अपने दिल का दर्द ये उम्र भर हस के पिए जीना उसका जीना है जो औरों की खातिर जिए |
काम ले जिन्दादिली से, यूँ ही खेले जिन्द्जी से,
राज यह जाना उसी ने जिन्दगी क्या है जिन्दगी |
क्या खबर, क्या पता , क्या खुशी है, गम है क्या |

Friday, November 12, 2010

डा० उर्मिलेश जी को नमन .....हे शंखधार ................ तुम को प्रणाम है वारम्वार

बदायूं महोत्सव का भव्य उदघाटन आज !
वे वजह वोझ दिल में न सवारे रखिये ........
जिन्दगी एक जंग है इस जंग को जारी जारी रखिये .....
प्रसिद्ध  रास्ट्रीय गीतकार स्व० डा० उर्मिलेश  शंखधार जी ने बदायूं महोत्सव का सुभारम्भ कर जिले की प्रतिभाओं को एक नया मंच दिया जिससे की उनको आगे बढने का अवसर मिले .............
बदायूं महोत्सव-2010 का आयोजन डा० उर्मिलेश जी के सुपुत्र डा० अक्षत असेष जी के संयोजन में किया जा रहा है
हम भवन से कामना करते है की  डा० अक्षत जी इस काम में विजय प्राप्त करें ....
आज डा० उर्मिलेश  शंखधार जी हमारे बीच नही है
आओ आज हम सभी मिलकर बदायूं महोत्सव-2010
डा० उर्मिलेश  शंखधार जी को , उनकी कला . वाणी , रस , देश प्रेम को समर्पित करते हैं ....
और डा० उर्मिलेश जी को नमन करते हुए आज के बदायूं महोत्सव अवसर पर स्मरण करते है ....
हे काव्य कंठ ............
हे गीतकार ..............
हे  शंखधार ................
तुम को प्रणाम है वारम्वार ................

Monday, November 8, 2010

पंडित ...... जीना है तो जाग जाओ

पंडित 
इस शब्द में ज्ञान का सागर है 
पूरा विश्व जनता है 
हम सबसे आगे थे लेकिन पीछे हो रहें है 
क्यूँ ?................
मैं मानता हूँ लापवाही है ....
किसी ने कहा है की जो लोग सिखर पर होते हैं लापवाही ला करते हैं वही हमने भी किया है 
अब और लापवाही ठीक नही होगी जीना है तो जाग जाओ . अब भी मौका है अब तो लापवाही मत करो 
सिखर की और देखो वो आप का इनजार कर रहा है ......
आज देश और धर्म की रक्षा के लिए ........
अपने समाज के स्वाभिमान के लिए हम सभी को साथ में मिलकर कुछ करना होगा आओ हम सभी शपथ लें की हम भी मिलकर अपने समाज को अपने लोगों को शीर्ष पर पहुंचाएंगे 
देश , धर्म और अपने समाज के लिए हम पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कम करेंगे . हमारे लोग हमारे समाज के लोग जहाँ भी है हमसे जो भी संभव होगा हम उनकी मदद करेंगे 
हम जो भी अपने समाज के लिए कर सकते है वो करेंगे 
अपने समाज के उन लोगों को मदद देंगे जो कमजोर हैं गरीब हैं . हमारे समाज के जो युवा योग्य हैं और उनको भी सही जगह पहचाना भी हमारा कम होगा 
अपने समाज को हम सभी को मिलकर हर सम्भव कम करना होगा ......
जय भागवान परशुराम .............