Friday, November 12, 2010

डा० उर्मिलेश जी को नमन .....हे शंखधार ................ तुम को प्रणाम है वारम्वार

बदायूं महोत्सव का भव्य उदघाटन आज !
वे वजह वोझ दिल में न सवारे रखिये ........
जिन्दगी एक जंग है इस जंग को जारी जारी रखिये .....
प्रसिद्ध  रास्ट्रीय गीतकार स्व० डा० उर्मिलेश  शंखधार जी ने बदायूं महोत्सव का सुभारम्भ कर जिले की प्रतिभाओं को एक नया मंच दिया जिससे की उनको आगे बढने का अवसर मिले .............
बदायूं महोत्सव-2010 का आयोजन डा० उर्मिलेश जी के सुपुत्र डा० अक्षत असेष जी के संयोजन में किया जा रहा है
हम भवन से कामना करते है की  डा० अक्षत जी इस काम में विजय प्राप्त करें ....
आज डा० उर्मिलेश  शंखधार जी हमारे बीच नही है
आओ आज हम सभी मिलकर बदायूं महोत्सव-2010
डा० उर्मिलेश  शंखधार जी को , उनकी कला . वाणी , रस , देश प्रेम को समर्पित करते हैं ....
और डा० उर्मिलेश जी को नमन करते हुए आज के बदायूं महोत्सव अवसर पर स्मरण करते है ....
हे काव्य कंठ ............
हे गीतकार ..............
हे  शंखधार ................
तुम को प्रणाम है वारम्वार ................

3 comments:

  1. हे काव्य कंठ ............
    हे गीतकार ..............
    हे शंखधार ................
    तुम को प्रणाम है वारम्वार ...............

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  2. बदायू महोत्सव के सफ़ल आयोजन की कामना करता हूं.

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  3. हे काव्य कंठ .
    हे गीतकार ..
    हे शंखधार ....
    तुम को प्रणाम है वारम्वार ....
    बदायूं मै मैंने अपना बचपन बिताया है मेरी शुभकामनायें की यह उत्सव सफल हो

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